दिल्ली के एक घर में मिले 11 शव, पड़ोसी बोले- ये सुसाइड नहीं, साजिश है

दिल्ली के बुराड़ी इलाके में दो भाईयों के परिवार के 11 सदस्यों के शव घर में लटके हुए मिले हैं। मृतकों में सात महिलाएं और चार पुरुष शामिल हैं। 11 लोगों के परिवार में दो भाई, उनकी पत्नियां, दो लड़के, एक बुजुर्ग मां और बहनें शामिल थीं। रिपोर्ट्स के मुताबिक दस शव लटके मिले हैं, जबकि बुजुर्ग मां का शव जमीन पर मिला है। अंदेशा है उनका गला दबाया गया है। मृतक परिवार के पड़ोस में रहने वाले लोगों का कहना है कि यह आत्महत्या नहीं है, बल्कि इसके पीछे कोई साजिश हो सकती है। पड़ोसियों का कहना कि दोनों भाईयों का परिवार एक साथ रहता था और कभी लगा ही नहीं कि ये ऐसा कर सकते हैं। 


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मास्क बनाने वाले परिवारों के लोगों का कहना है कि वह चुपचाप इस काम को कर रहे हैं। ताकि, पड़ोसियों को भी इसकी भनक न लगे। इनका कहना है कि यदि जानकारी हो जाएगी तो काम बंट जाएगा। इससे आय कम हो जाएगी। ऐसे में तीन से चार हजार रुपये कमा लेते हैं।
परिवार में एक महिला और दो बच्चे मिलकर आठ घंटे में तीन से चार हजार मास्क तैयार कर लेते हैं। इन्हें एक रुपये प्रति पीस के हिसाब से भुगतान किया जाता है। ऐसे में एक परिवार तीन से चार हजार रुपये प्रतिदिन अर्जित कर रहा है। नाम न छपने की शर्त पर दादरी निवासी एक महिला ने बताया कि मास्क बनाना आसान है। मैं और परिवार के अन्य सदस्य मिलकर मास्क बनाते हैं। इससे अच्छी खासी कमाई हो जाती है। दादरी निवासी छात्र हर्ष शर्मा ने बताया कि मास्क बनाने का तरीका सीखने के बाद परिवार के सदस्यों को भी प्रशिक्षण दिया। पिछले कई दिनों से घर पर ही मास्क बना रहे है।
लॉकडाउन तोड़ने वालों के खिलाफ दिल्ली पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। 24 मार्च से पुलिस ने सरकारी आदेश के उल्लंघन (धारा-188) के तहत 1057 एफआईआर दर्ज किए हैं। पुलिस ने 65 डीपी एक्ट में 29650 लोगों को हिरासत में लिया और कानूनी कार्रवाई कर छोड़ दिया। लॉकडाउन के दौरान पुलिस ने 4335 वाहनों को 66 डीपी एक्ट के तहत जब्त किया। पुलिस ने आवश्यक सेवा देने वाले लोगों के लिए कुल 33751 पास बनाए।
सोशल डिस्टेंसिंग की लक्ष्मण रेखा को कभी भी लांघना नहीं है। सोशल डिस्टेंसिंग को किसी भी हालत में तोड़ना नहीं है। कोरोना की चेन तोड़ने का यही रामबाण इलाज है। इसलिए 5 अप्रैल को रात 9 बजे, कुछ पल अकेले बैठकर, माँ भारती का स्मरण कीजिए, 130 करोड़ देशवासियों के चहरो की कल्पना कीजिए, 130 करोड़ देशवासियों की इस सामूहिकता, इस महाशक्ति का ऐहसास करिए। ये हमें,संकट की इस घड़ी से लड़ने की ताकत देगा और जीतने का आत्मविश्वास भी। हमारे यहां कहा गया है-उत्साहो बलवान् आर्य, न अस्ति उत्साह परम् बलम्।। स उत्साहस्य लोकेषु, न किंचित् अपि दुर्लभम्॥