स्पिनर प्रज्ञान ओझा ने शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय और प्रथम श्रेणी क्रिकेट को को अलविदा कह दिया। प्रज्ञान पिछले सात साल से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से दूर थे। उन्होंने 2013 में वेस्ट इंडीज के खिलाफ आखिरी बार भारतीय टीम की ओर से लिए खेला था। अपने छोट से अंतरराष्ट्रीय करियर में इस गेंदबाज ने 2009 से 2013 के बीच 24 टेस्ट में में 113 विकेट लिए हैं। तेरह साल के करियर में ओझा ने हैदराबाद की ओर से खेला। इसके साथ ही वह रणजी ट्राफी में बिहार टीम के कप्तान भी रहे हैं।
संन्यास की घोषणा के साथ ही इस स्पिनर ने ट्वीट किया, ‘मैं अंतरराष्ट्रीय और प्रथम श्रेणी क्रिकेट से तुरंत प्रभाव से संन्यास ले रहा हूं।’ उन्होंने कहा, ‘भारत के लिए इस स्तर पर खेलना हमेशा से मेरा सपना था। यह मेरी खुशकिस्मती है कि कि मेरा सपना पूरा हुआ। मुझे देशवासियों का इतना प्यार और सम्मान मिला।’
उन्होंने महान बल्लेबाज सचिन तेंडुलकर से विदायी टेस्ट कैप लेने को अपने कैरियर का सबसे यादगार पल बताया। उन्होंने कहा, ‘यह सौ टेस्ट विकेट लेने के बराबर था। मुझे उम्मीद है कि भारतीय क्रिकेट को ऊंचाइयों तक लेने जाने में हरसंभव योगदान देता रहूंगा।’ इस स्पिनर ने वेस्ट इंडीज के खिलाफ 2011 की घरेलू सीरीज में 20 और न्यूजीलैंड के खिलाफ 13 विकेट लिए थे। इस स्पिनर ने सचिन के विदायी टेस्ट में अंतिम बार कोई अंतरराष्ट्रीय मैच खेला था।
ओझा ने कहा, ‘मेरे करियर में मैने कई उतार चढाव देखे। मुझे अहसास हुआ कि एक खिलाड़ी की महानता उसके मेहनत और समर्पण का ही नहीं बल्कि टीम प्रबंधन, साथी खिलाड़ियों, कोचों, ट्रेनर और प्रशंसकों द्वारा जताये गए भरोसे और उनके मार्गदर्शन का भी फल है।’
उन्होंने कहा, ‘मैं बीसीसीआई का आभारी हूं जिसने मुझ पर भरोसा किया और मुझे अवसर दिया।’ ओझा ने कहा, ‘इंडियन प्रीमियर लीग में मेरा सफर यादगार रहा और परपल कैप जीतना मेरे लिए कभी न भूलने वाली यादगार रहेगी। इसके लिए मैं डेक्कन चार्जर्स और मुंबई इंडियंस टीमों का खास तौर पर आभारी हूं।’" alt="" aria-hidden="true" />