यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड का कहना है कि उसने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तहत अयोध्या में मस्जिद निर्माण के लिए मिली पांच एकड़ जमीन स्वीकार कर ली है। अयोध्या विवाद में सर्वोच्च अदालत के आदेश के बाद योगी आदित्यनाथ सरकार ने मस्जिद के लिए अयोध्या की सीमा के अंदर ही धुन्नीपुर गांव में यह जमीन दी है। वहीं मोदी सरकार ने मंदिर निर्माण के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट बनाया है।
बोर्ड के अध्यक्ष जुफर फारूकी ने कहा उनके पास कभी इसको खारिज करने की छूट नहीं है। हम पहले ही कह चुके हैं कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन किया जाएगा। फारूकी ने बताया कि जमीन को स्वीकार करने या खारिज करने का सवाल हमने कभी नहीं उठाया। जिन लोगों को सुप्रीम कोर्ट ने जमीन नहीं दी है, वे ही इसे न स्वीकार करने का शोर मचा रहे हैं। हमने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पालन करने का फैसला किया था।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत योगी सरकार ने अयोध्या की सोहावल तहसील के रौनाही थाना क्षेत्र में लगने वाले धुन्नीपुर गांव में मस्जिद के लिए 5 एकड़ जमीन चिन्हित की थी। अयोध्या पर फैसले के बाद सुन्नी बोर्ड ने अपने भावी कदम को लेकर चुप्पी साधी हुई थी। अब बोर्ड ने साफ किया है कि 24 फरवरी को होने वाली बैठक में अगले कदम के बारे में फैसला लिया जाएगा।
यूपी सरकार की ओर से मिली जमीन पर फारूकी ने कहा 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट का आदेश बिल्कुल स्पष्ट था कि राज्य सरकार हमें जमीन आवंटित करे और हमें इस पर मस्जिद और उससे जुड़ी दूसरी चीजें बनाने की छूट मिले।