घरों में मास्क बना रहीं महिलाएं

कोरोना वायरस से बाजार में मास्क की बढ़ती मांग से कई परिवारों को रोजगार मिल गया है। दादरी नगर और नरौली गांव में कई परिवार की महिलाएं मास्क बनाकर परिवार के पालन-पोषण के साथ पुरुषों के कदम से कदम मिलाने में जुटी हैं। इन्हें प्रति मास्क एक रुपये के हिसाब से भुगतान किया जाता है। महिलाएं प्रतिदिन तीन से चार हजार रुपये तक की कमाई कर लेती हैं। इस कार्य में परिवार के अन्य सदस्य भी सहयोग करते हैं।


 

पिछले एक माह में तेजी से बढ़े कोरोना के संक्रमण से मास्क की मांग लगातार बढ़ रही है। इससे मेडिकल स्टोरों पर मास्क की कमी हो गई है। नरौली गांव में दिल्ली के एक एजेंट द्वारा मास्क बनाने का काम दिया जा रहा है। बाजार में साधारण मास्क 20 से 30 रुपये में मिलता है। इसी मास्क को ऑर्डर प्रति पीस के हिसाब से तैयार कराया जा रहा है। 


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मास्क बनाने वाले परिवारों के लोगों का कहना है कि वह चुपचाप इस काम को कर रहे हैं। ताकि, पड़ोसियों को भी इसकी भनक न लगे। इनका कहना है कि यदि जानकारी हो जाएगी तो काम बंट जाएगा। इससे आय कम हो जाएगी। ऐसे में तीन से चार हजार रुपये कमा लेते हैं।
यानि, हमारे उत्साह, हमारी स्प्रिट से बड़ी फोर्स दुनिया में कोई दूसरी नहीं है। दुनिया में ऐसा कुछ भी नहीं है जो हम इस ताकत से हासिल न कर पाएं। आइए, साथ आकर, साथ मिलकर, कोरोना को हराएं, भारत को विजयी बनाएं।
ये उजागर होगा। उस प्रकाश में, उस रोशनी में, उस उजाले में, हम अपने मन में ये संकल्प करें कि हम अकेले नहीं हैं, कोई भी अकेला नहीं है ! 130 करोड़ देशवासी, एक ही संकल्प के साथ कृतसंकल्प हैं। साथियों, मेरी एक और प्रार्थना है, कि इस आयोजन के समय किसी को भी, कहीं पर भी इकट्ठा नहीं होना है। रास्तों में, गलियों या मोहल्लों में नहीं जाना है, अपने घर के दरवाज़े, बालकनी से ही इसे करना है।
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लॉकडाउन तोड़ने वालों के खिलाफ दिल्ली पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। 24 मार्च से पुलिस ने सरकारी आदेश के उल्लंघन (धारा-188) के तहत 1057 एफआईआर दर्ज किए हैं। पुलिस ने 65 डीपी एक्ट में 29650 लोगों को हिरासत में लिया और कानूनी कार्रवाई कर छोड़ दिया। लॉकडाउन के दौरान पुलिस ने 4335 वाहनों को 66 डीपी एक्ट के तहत जब्त किया। पुलिस ने आवश्यक सेवा देने वाले लोगों के लिए कुल 33751 पास बनाए।